History Of Computer In Hindi | कंप्यूटर क्या है और इतिहास पूरी जानकारी हिंदी में

History of computer in hindi :-  का इतिहास अपने आप में बहुत अदभुत है आज के समय में computer बहुत जरुरी है लेकिन आप में से बहुत कम लोगो को ही पता होगा Computer के इतिहास के बारे में अगर आपको नही पता तो आप हमारे पोस्ट को जरुर पढ़े हम आपको अपने ये पोस्ट के माध्यम से कंप्यूटर का इतिहास के बारे में सारी जानकरी देने वाले है चलिए जानते है History Of Computer
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कंप्यूटर क्या है ?

कंप्यूटर का हिंदी नाम ‘संगणक’ है क्योंकि यह बड़ी से बड़ी गणना करने में सक्षम है. कंप्यूटर शब्द की उत्पति अर्ग्रेज़ी भाषा के ‘कंप्यूट’ शब्द से हुई है जिसका अर्थ है गणना करना. अर्थात इसका सीधा सा अर्थ है कि कम्पूटर का विकास गणितीय गणनाओं को हल करने के लिए किया गया है.

सबसे पहले कंप्यूटर का आविष्कार 600 ईसा पहले गिनतारे का विकास मेसोपुटामिया में हुआ, इसी प्रकार Calculator का भी आविष्कार किया गया  17वीं शताब्दी के शुरुआत में डानन नेपियर ने किया था जिसका उपयोग गणितिय गणनाओं हेतु किया गया था.  ]इसके बाद सन 1671 में ब्रान गोट फ्राइड में गणना करने वाले कैलकुलेटर का आविष्कार किया.जिसके मदत से गणना आसन हो गयी सन  1942 में बेब्ज पास्कल ने यांत्रिक कैलकुलेटर बनाया जिसे पास्कलिंग कहा गया यह कैलकुलेटर सिर्फ 6 व्यकित्यों के बराबर में  गणना कर सकता था.

आप को तो पता ही होगा कीं कंप्यूटर का पहली बार निर्माण करने बाले व्यक्ति हैं – चार्ल्स बेबेज. अतः इन्हें कंप्यूटर का जनक या पिता कहा जाता है. चार्ल्स बेबेज एक गणित के प्रोफेसर थे जिन्होंने पहली बार कंप्यूटर का निर्माण किया.

कंप्यूटर का इतिहास ( History Of Computer In Hindi)

19वीं सदी में गणित के एक प्रोफेसर ‘चार्ल्स बेबेज’ ने कंप्यूटर शब्द से सब को परिचित करवाया. और 1822 में चार्ल्स बेबेज ने सबसे पहले Digital Computer बनाया पास्कलिन से प्रेरणा लेकर डिफ्रेन्सियल और एनालिटीकल एनिंजन का अविष्कार किया, history-of-computer-in-hindiउन्होंने सन 1937 में स्वचालित कंप्यूटर की परिकल्पना की जिसमे की कृत्रिम स्मृति तथा प्रोग्राम के अनुरूप गणना करने की क्षमता हो, किन्तु हथर्न होलेरीथ ने भी मिलकर पूरा किया ! वे पंचकार्ड की मदद से सारा कार्य खुद ही करके इलेक्ट्रोनिक टेबूलेशन मशीन का निर्माण किया गया! मतलब प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में Vacuum Tube या Vacuum Valve का प्रयोग हुआ.

1948 में Valve की जगह ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाने लगा ! इससे वे Vacuum Tube में होने वाले श्योर में पैदा होने वाली गर्मी से निजात पा लिया  ! और इसमें का खर्चीले और कम जगह घेरने वाले कंप्यूटर का अविष्कार क्र लिया गया 


सन 1958 में ट्रांजिस्टर के जगह पर सिलकोन चिप पर इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग कंप्यूटर के क्षेत्र में किया जाने लगा | इसने कंप्यूटर के क्षेत्र में मूलभूत परिवर्तन तथा एक नयी क्रांति ला दी जिसको कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी कहा गया ! सिलकोन चिप निर्मित कंप्यूटर का आकार अत्यंत छोटा होने के कारण इन्हें मिनी कंप्यूटर कहा जाने लगा

History Of Computer In Hindi By Year :

कंप्यूटर तकनिकी विकास के द्वारा जो कंप्यूटर के कार्यशेली तथा क्षमताओं में विकास हुआ इसके फलस्वरूप कंप्यूटर विभिन्न पीढ़ियों तथा विभिन्न प्रकार की कंप्यूटर की क्षमताओं का निर्माण का आविष्कार हुआ 

कार्य क्षमता के इस विकास को 1964 में कंप्यूटर जनरेशन कहा जाने लगा.जिसके आधार पर आज के कंप्यूटर भी काम कर रहे हैं.

सामान्यता, कंप्यूटर को तीन पीढ़ियों में वर्गीकृत किया गया जा सकता है. हर पीढ़ी एक निश्चित समय तक चली और पीढ़ियों के साथ साथ हमारे कंप्यूटर का विकास होता गया और हमें और भी बेहतरीन कंप्यूटर मिलने शुरू हो गए. मैं आप सभी को उन प्रत्येक पीढ़ी के बारे में विस्तार से बता रहा हूँ ~
first computer

1. कंप्यूटर विकास की पहली पीढ़ी (First Generation)

Vaccum Tube Year (1940 – 1956)

इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को नियंत्रण और प्रसारित करने हेतु वैक्यूम टूयूब्स का उपयोग किया गया इसमें भरी भरकम कंप्यूटर का निर्माण हुआ किन्तु सबसे पहले उन्ही के द्वारा कंप्यूटर की परिकल्पना साकार हुई | ये टूयूब्स के आकार में बड़े तथा ज्यादा गर्मी उत्पन्न करते थे तथा उनमे टूट-फुट तथा ज्यादा खराबी होने की संभावना रहती थी और इसकी गणना करने की क्षमता भी काफी कम थी और पहली पीढ़ी के कंप्यूटर ज्यादा स्थान घेरते थे.

इस पीढ़ी में निर्मित कंप्यूटर Electronic Numerical Integrator And Computer (ENIAC), EDSAC (Electronic Delay Storage Automatical Computer), UNIVAC (Universal Automatic Computer) इत्यादि हैं.

2. कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी  (Second Generation)

Transistor Year (1956-1963)

कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी में ट्रांसिस्टर का आविष्कार हुआ और इसका उपयोग अब कंप्यूटर में किया जाने लगा. ये ट्रांसिस्टर Vaccum Tube की अपेक्षा अधिक सक्षम थे तथा इनका आकार भी उनकी अपेक्षा काफी छोटा था. इसकी क्षमता अधिक थी और अब कंप्यूटर तेजी से काम करता था. अब पहली पीढ़ी की तुलना में कंप्यूटर छोटा बनने लगा तथा या तेजी से काम भी करने लगा.

 

3. कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी  (Third Generation)

Integrated CircuitYear (1963-1971)

इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में इंटीग्रेटेड सर्किट का प्रयोग की जाने लगा जो ट्रांजिस्टर से भी काफी छोटा था. इस पीढ़ी के कंप्यूटर की क्षमता काफी बढ़ चुकी थी और अब एक ही साथ एक से अनेक कंप्यूटर का प्रयोग किया जा सकता था. चुकी इसमें सिलिकॉन चिप से बनी छोटे सी इंटीग्रेटेड सर्किट का प्रयोग किया जाता था अतः इसका आकार अब काफी छोटा हो गया था. अब इस पीढ़ी के कंप्यूटर का प्रयोग घर में भी बाद स्तर पर होने लगा.

इस पीढ़ी के कंप्यूटर की गति माइक्रो सेकंड से नैनो सेकंड तक थी जिसका मुख्य कारन इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग था.

4. कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी (4th Generation) 

Based On Microprocessor Year : 1971- 1985

आज हम सभी ज्यादातर इसी पीढ़ी के कंप्यूटर का उपयोग करते हैं जिसमे  लैपटॉप भी शामिल है. इस पीढ़ी के कंप्यूटर में माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग करने से इसका आकार काफी छोटा हो चूका है जिसे हम अपने साथ कही भी ले जा सकते हैं. इस प्रकार के कंप्यूटर में VSLI की मदद से हजारों ट्रांसिस्टर को एक साथ जोड़ा सकता है और इसकी गति को काफी तेज बनाया जा सकता है. इस पीढ़ी के ही कंप्यूटर का उपयोग अब हम सभी पर्सनल कंप्यूटर के रूप में भी करने लगे. कंप्यूटर के क्षेत्र में सबसे बड़ी क्रांति इस पीढ़ी को माना जाता है ।

History of Processor

5. कंप्यूटर विकास की पांचवी पीढ़ी (Fifth Generation)

Artificial Intelligence Year :

भविष्य आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस: विकास की इस पांचवी अवस्था में कंप्यूटरों में कृत्रीम बुद्धि का निवेश किया गया है इस तरह के कंप्यूटर अभी पूरी तरह से विकशित नहीं हुए है ! इस तरह के कंप्यूटरों को हम रोबोट और विविध प्रकार के ध्वनि कार्यकर्मो में देख सकते है। ये मानव से भी ज्यादा सक्षम होगा.

आपको हमारा यह पोस्ट History Of Computer In Hindi कैसा लगा कमेंट में जरुर बताये और अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर ताकि उनको भी computer के इतिहास के बारे में जान सके ।
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लेखक

नमस्कार दोस्तों, आपका स्वागत है Desi Technical हिन्दी ब्लॉग में यहाँ हमारा पर्यास यह है की हम आपको नये-नये Technologies से रूबरू कराये और आपको सही एवं सटीक जानकारी दे सके । हमारा आपसे ये निवेदन है की आप इसी तरह आपके के अपने Blog Desi Technical में सहयोग देते रहे । धन्यवाद!

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